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अधक्ष का त्याग पत्र

अध्यक्ष द्वारा त्यागपत्र दिए जाने पर एक संवेधानिक संकट खडा हो जाता है। सबसे पहले उन कारणों का पता लगाया जाना चाहिए आख़िर किस बजह से अध्यक्ष ऐसा निर्णय लेने को मजबूर है। इसके बाद भी अगर कोई बात नहीं बनती नजर नहीं आ रही होतो कार्यकारिणी को अपने एक उपाध्यक्ष को कार्यवाहक अध्यक्ष के रूप में स्वीकृति प्रदान करनी चाहिए। इस के बाद निवर्तमान अध्यक्ष को आगे की कार्यवाई हेतु समिति का पद भार सोंप देना चाहिए यानि की अगर karykaal samapti पर हो to चुनाव की taiyari की जानी chahie अगर कल samapti me चाह mah baki होतो एक purnakalik adhayksha के रूप me upadhaykshon के अलावा किसी भी karyakarin के sadsya को भी बनाया ja सकता है। awasykta होने पर chunao pranali का भी sahar लिया ja सकता है। लेकिन यह bishay sadharan सभा का नही है sadharan सभा इस nirnay me sahmati pradn कर सकती है .ऐसे me niwartaman adhayksha का रोल kafi mahatwapurna sidha हो sakta है। अध्यक्ष के त्यागपत्र दिए जाने पर niwartman adhayksha को adhyksha bana diya जाना उचित nirnay नही हो सकता। kishore kumar jain

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