इस ब्लॉग को प्रारम्भ करने का उद्देश्य: मंच की दशा और दिशा पर चर्चा करना। यह संवाद यात्रा AIMYM द्वारा अधिकृत नहीं है। संपर्क-सूत्र manchkibaat@gmail.com::"

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२८ दिसम्बर २००८, हजारों जोड़ी आँखों ने रांची के जिला स्कूल प्रांगन में एक ऐतिहासिक दृश्य का साक्षात्कार किया। दृश्य था, अध्यक्ष से निवर्तमान अध्यक्ष हो रहे श्री अनिल करिश्माई जाजोदिया द्वारा नवनिर्वाचित राष्ट्रीय अध्यक्ष का अभिनन्दन किए जाने का।
नव निर्वाचित अध्यक्ष, श्री जीतेन्द्र कुमार गुप्ता के बारे में बात करने का अवसर तो हमें आगे बहुत मिलेंगे, पर आज मैं चाहूँगा कि हम सब मिल कर धन्यवाद दें श्री अनिल जाजोदिया को जिन्होंने अपने इस मंच परिवार को तिन वर्षो तक सफल नेतृत्व प्रदान किया। पता नही इस व्यक्तित्व के पास ऐसी कौन सी ताकत है कि कभी गुस्से या तनाव इनके चेहरे पर अपना स्थान खोजने में सफल नही हो पाते। पता नही क्या जादू है इस करिश्माई व्यक्तित्व की मुस्कान में कि कोई भी इससे प्रभावित होने से ख़ुद को नही बचा पाता है। पता नही कहाँ से यह व्यक्ति इतनी उर्जा इकठ्ठी करता है कि ५५० शाखाओं में बांटने के बाद भी बची रहती है। मैंने इन के कुछ करीबी लोगो से पूछा था कि "आपने इस व्यक्तित्व को कब थका हुवा पाया है?" जवाब मिला- "कभी नही"।

मंच परिवार में इनके योगदान का मूल्यांकन करने जितनी योग्यता तो मुझमे नही है, पर मैं यह जानता हूँ कि मंच परिवार हमेशा श्री जाजोदिया का शुक्रिया अदा करता रहेगा। आने वाले समय में श्री जाजोदिया निवर्तमान अध्यक्ष के रूप में मार्गदर्शन प्रदान करेंगे, और मैं भाई जीतेंद्र गुप्ता को इस हेतु भी बधाई देना चाहूँगा कि उन्हें जाजोदिया सरीखे व्यक्तित्व से सलाह प्राप्त करने का वैधानिक अधिकार प्राप्त हो गया है।

इस अधिवेशन में यह स्पष्ट हो गया कि मंच सदस्यों की औसत उम्र कम हो गयी है, यानि मंच परिवार में नव-युवकों की संख्या बढ़ गयी है। यह एक शुभ संकेत है। इस अच्छे बदलाव में भाई अनिल जाजोदिया का योगदान अत्यन्त ही महत्वपूर्ण है।

भाई अनिल जी जाजोदिया को मेरा हार्दिक नमन।

अजातशत्रु

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