सभी मंच बंधुओ एवं मनीषियों को मेरा प्रणाम ..
एक गंभीर विषय पर आप सबकी राय जानना चाहता हु ...
१. अगर किसी भी शाखा का एक या अधिक सदस्य , उस शाखा के पुनर्गठन की पहल करे जिस से वे वर्तमान शाखा में आने से पहले जडित हो , तो क्या यह अनुशाशन हीनता है? क्या है मंच के संविधान का उलंघन है?
२. संदर्भित सदस्यों ने अगर मौखिक तौर पर इस प्रयास की सूचना वर्तमान शाखा के अध्यक्ष को दी हो तो क्या शाखा कार्यकारिणी लिखित सुचना न मिलने का बहाना कर ऐसे सदस्यों को मंच से निलंबित अथवा निष्काषित कर सकती है?
३. क्या किसी बीमार सदस्य को २४ घंटे का नोटिस देना , उसके अनुरोध करने पर भी की वह बीमार है तो उसे कम से कम ३ दिनों का नोटिस दिया जाये, तथा इस नोटिस का प्रतिवाद करने पर इसे दुर्व्यवहार की संज्ञा देना... क्या मंच के उच्च स्तरीय विचारो के तथा मानविय आधार पर भी उचित है?
अपनी राय दे..
सधन्यवाद
आपका
आकाश गर्ग
एक गंभीर विषय पर आप सबकी राय जानना चाहता हु ...
१. अगर किसी भी शाखा का एक या अधिक सदस्य , उस शाखा के पुनर्गठन की पहल करे जिस से वे वर्तमान शाखा में आने से पहले जडित हो , तो क्या यह अनुशाशन हीनता है? क्या है मंच के संविधान का उलंघन है?
२. संदर्भित सदस्यों ने अगर मौखिक तौर पर इस प्रयास की सूचना वर्तमान शाखा के अध्यक्ष को दी हो तो क्या शाखा कार्यकारिणी लिखित सुचना न मिलने का बहाना कर ऐसे सदस्यों को मंच से निलंबित अथवा निष्काषित कर सकती है?
३. क्या किसी बीमार सदस्य को २४ घंटे का नोटिस देना , उसके अनुरोध करने पर भी की वह बीमार है तो उसे कम से कम ३ दिनों का नोटिस दिया जाये, तथा इस नोटिस का प्रतिवाद करने पर इसे दुर्व्यवहार की संज्ञा देना... क्या मंच के उच्च स्तरीय विचारो के तथा मानविय आधार पर भी उचित है?
अपनी राय दे..
सधन्यवाद
आपका
आकाश गर्ग
1 comment:
सब कुछ काल और परिस्थितयों पर निर्भर करता है, जहां तक वैधानिक सलाह की बात है मैं समझता हूँ कि आदरणीय द्विवेदी जी की उचित मार्ग दर्शन कर सकते है !
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