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समाज सुधार कि दिशा में एक अति आवश्यक कदम...

अति आवश्यक कुछ बातों कि ओर आपका ध्यान आक्रिस्ट करना चाहूँगा. बदलते समय में समाज का स्वरुप बदला है, तो कुछ व्यवहारों का स्वरुप भी अप्रासंगिक या अवय्व्हारिक हो गया है. आज के समय के अनुसार इनपर विचार करना काफी जरुरी है. इनकी वजह से समाज में आपसी जुराव और बढेगा और कुछ कुरीतियाँ भी समाप्त होंगी.

1. मिलनी (पुरुषों कि - 4/- रूपये निर्धारित है और ये कब चांदी के हो गए कुछ पता ही न चला, एवं महिलाओं कि - असीमित, इस वजह से समाज का एक बड़ा तबका अत्यंत दबाव महसूस करता है.)

2. पगालाग्नी (महिलाओं के द्वारा अपने से वरिस्ट महिलाओं कों पैर छू कर दी जाने वाली कुछ नगद राशी, आज के दौर में पूर्णतया अप्रासंगिक).

3. कन्या जन्म पर होने वाले उत्स (आज भी इसका प्रचलन काफी कम या प्रायः नहीं ही है).

उपरोक्त तीनो ही बातें आज कि तारीख में चिंतनीय है. इनके स्वरुप कों बदलने के लिए मेरे कुछ सुझाव अधोलिखित हैं:

1. मिलनी - पुरुषों कि 10/- रूपये निर्धारित कि जाये, और महिलाओं कि 50/- रूपये, कागज के.

2. पगालाग्नी - पूर्णतया बंद कि जानी चाहिए, बुजुर्ग महिलायों कों सम्मान चाहिए ना कि धन.

3. कन्या जन्म कों प्रोत्साहित करने के लिए उनके जन्म पर उत्सव का आयोजन किया जाना एक महत्वपूर्ण प्रयास साबित होगा.

उपरोक्त सभी बातें आपके विचार हेतु प्रस्तुत है, अपने महत्वपूर्ण विचार अवश्य देंगे.
इस विषय पर मंथन के उपरांत ये सुझाव उचित मंच से सम्मलेन कों भी प्रेषित किये जाने चाहिए.


- सुमित चमडिया
मुजफ्फरपुर, बिहार
+91-9431238161

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