इस ब्लॉग को प्रारम्भ करने का उद्देश्य: मंच की दशा और दिशा पर चर्चा करना। यह संवाद यात्रा AIMYM द्वारा अधिकृत नहीं है। संपर्क-सूत्र manchkibaat@gmail.com::"

नए संदेश

Wednesday

आह्वान

किसी भी संगठन की सक्रियता या निष्क्रियता को प्रतिपादित करते हैं उसके सदस्य एवं कार्यकर्ता। संगठन यदि सामाजिक प्रतिनिधि संस्था हो तो सदस्य संख्या का महत्व और भी बढ़ जाता है। प्रवासी मारवाडी समाज (जो कि वर्षों से नही, दशकों से अवहेलना, कुप्रचार और अपमान का कड़वा घूँट पी- पी कर जीता आया है और अपनी धरोहर, अपनी सांस्कृतिक विरासत, अपना आत्म गौरव आदि सब भूल कर संख्या लघुता यानि minority की हीन भावना लिए व्यवसाय, पेशे और पैसे के खोल में दुबकता चला जा रहा है, तथा इतर समाज में अपनी "मतलबी बनिया" की छबि को पुख्ता करता जा रहा ) के सामाजिक हित और पुनरुथान का परचम थमने वाली संस्था के लिए तो यह और भी जरूरी हो जाता है कि समाज का हर तबका, हर युवा इससे सक्रिय रूप से जुड़े और इसके आन्दोलन में शामिल हो।

अपने क्षुद्र स्वार्थों और अहम् को त्याग कर हर मारवाडी युवा को जुड़ना होगा इस आन्दोलन में। यही समय कि मांग है। हमारा आज, आने वाले कल के भविष्य की रूप रेखा तय करेगा। आने वाली संतती से नजरें मिलानीहै तो निस्पृहता को तजना ही होगा। यह महाभारत का वह संक्रमण काल है, जहाँ कोई भी निस्पृह नही रह सकता।

"झाडू पकड़ भाई झाडू पकड़ , और देखने का नही है वक्त" असमिया कवि स्व० अम्बिकागीरी राय चौधरी की इस कविता को समझने और अपनाने का वक्त आ गया है। आलस्य, बहाना या देर करना हाराकीरी की ओर कदम बढ़ाना होगा। हर युवा को अपनी कर्मों की झाडू पकड़नी पड़ेगी और साफ़ करना होगा इस समाज के तस्वीर पर लगी कुप्रचार और गंदगी को, साफ़ करना होगा अपने गौरवमयी इतिहास पर पडी विस्मृति के गर्द को। कुठाराघात करना होगा अपने द्वारा ओढे हुवे खोल पर। आलोचनाओं और प्रत्यालोचानाओं से परे हट कर अपनी सीमायें पहचाननी होगी। अपनी प्राथमिकताएं पुनः तय करनी होगी। यथार्थ को समझना होगा तथा समय के कठोर धरातल पर अपने सामूहिक विचार मंथन से उपजे दर्शन और योज़ना के बीज को सक्रियता के हाथो बोना होगा, सजगता और निरंतरता के जल से सींचना होगा।

अखिल भारतीय मारवाडी युवा मंच कोई बाहर से थोपी गयी संस्था नही है। यह तो समय के पुकार और समाज के जरूरत से उपजा एक सपना हैआम मारवाडियों का। यह कोई धर्म अथवा गोत्र आधारित संस्था नही है, कोई व्यक्ति या गुट विशेष की संस्था भी नही है, यह तो सम्पूर्ण मारवाडी समाज का प्रतिनिधित्व करने वाली एक राष्ट्रिय संस्था है। यह एक आन्दोलन है, एक विचार प्रवाह है, एक खुला विचार मंच है, समाज के उत्थान के प्रति कटिबद्ध युवाओं की ताकत है। यह थोथी आदर्शवादिता या कोरी उत्तेजना पर आधारित कोई बुलबुला नही, बल्कि यथार्थ पर आधारित अपने दर्शन के अनुरूप किए जाने वाले कार्यो का सतत प्रवाह है। यह यज्ञ-कुंड है जिससे उपजी लपटें समाज के पुनरुथान के मार्ग को प्रसस्त करेगी। हाँ, सक्रियता की आहुति आप सब को अवश्य डालनी होगी।

मारवाडी युवा मंच आह्वान करता है सभी मारवाडी युवाओं का कि आईये अपने विचारों और कार्यो की आहुति से से इस यज्ञ-कुंड को और प्रज्ज्वलित करें ताकि समाज को एक सही दिशा में प्रेरित्त कर, उसे नयी ऊँचाइओं तक ले जाने कि यह सतत प्रक्रिया और भी गतिशील हो।

Tarachand Tholya

1 comment:

Manch Samachar said...

आदरणीय ताराचंद जी, बहुत दिनों के बाद आपको ब्लॉग अपको पढ़ने को मिला। अच्छा लगा इसके लिये मैं रवि जी, ओम जी सहित सभी साथियों का तहदिल से शुक्रिया अदा कराता हूँ। आपने लिखा कि "अपनी धरोहर, अपनी सांस्कृतिक विरासत, अपना आत्म गौरव आदि सब भूल कर संख्या लघुता यानि minority की हीन भावना लिए व्यवसाय, पेशे और पैसे के खोल में दुबकता चला जा रहा है, तथा इतर समाज में अपनी "मतलबी बनिया" की छबि को पुख्ता करता जा रहा ) के सामाजिक हित और पुनरुथान का परचम थमने वाली संस्था के लिए तो यह और भी जरूरी हो जाता है कि समाज का हर तबका, हर युवा इससे सक्रिय रूप से जुड़े और इसके आन्दोलन में शामिल हो।" मन को चुभ गई क्रम बनाये रखें। - शम्भु चौधरी

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