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मारवाड़ी युवा मंच महज स्वयंसेवकों का दल नहीं है

इसके जनसेवा कार्यक्रमों को देखकर कोई इसे स्वयंसेवकों का दल समझ सकता है। यह सच है कि युवा मंच में स्वयंसेवक हैं और वे इसका मजबूत आधार हैं। लेकिन मारवाड़ी युवा मंच महज स्वयंसेवकों का दल नहीं है। इसे जानने के लिए इसकी समूची फिलासफी को जानना होगा। मारवाड़ी समाज के समझदार लोगों को यह दुख हमेशा सालता रहा है कि देश की प्रगति में इस समाज के योगदान का कभी भी ठीक ढंग से मूल्यांकन नहीं किया गया। स्वाधीनता के ठीक बाद जब भारत में निजी पूंजी का नितांत अभाव था तब इसी समाज के लोगों ने देश भर में रिटेल व्यवसाय की बागडोर संभाली। देश में बड़े और भारी उद्योगों को बेशक सरकार ने आगे बढ़ाया। लेकिन निचले स्तर पर हर गांव-शहर में मारवाड़ी समाज के लोग ही रिटेल व्यवसाय के माध्यम से निजी पूंजी का गठन कर रहे थे।
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प्रमोद केडिया

1 comment:

Sumit Chamria said...

बहुत ही सुंदर लेख
बधाई !!!

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