मंच रजत जयंती वर्ष दो तरीके से मनाया जा सकता है
एक : विभिन्न प्रकार के कार्यक्रम, रैलियां इत्यादि आयोजित करके....
दूसरा : मंच को एक एकदम नया स्वरूप प्रदान करके, विकास की एक नयी इबारत लिखकर....
एक तीसरा भी तरीका है (जो मेरी व्यक्तिगत सोच है), कि क्यो ना दोनों तरीको का समावेश कर एक एकदम नयी और अनोखी पहल की जाए |
विभिन्न कार्यक्रमों के साथ साथ मंच विकास, व्यक्ति विकास, व्यक्तित्व विकास, समाज विकास, व्यवसायिक विकास इत्यादि के कार्यक्रमों का उचित मिश्रण समय की मांग एवं जरूरत दोनों है |
हालाँकि श्री जाजोदियाजी के कार्यकाल में इन पर काफी काम हुआ है, मगर अभी बहुत कुछ हासिल करना बाकी है|
नए नेतृत्व से मुझे ना केवल उम्मीद है बल्कि पूर्ण विश्वाश है कि माननीय राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री जीतेंद्र गुप्ता अपने नेतृत्वकौशल से एक नया इतिहास अवश्य ही लिखेंगे |
भाई सुमित ने बहुत कुछ और बहुत अच्छा लिखा है|बिन्दु न०.........
6. अनुसाशन समिति का निर्माण - ताकि एक स्वस्थ माहौल का निर्माण हो।
(सुमित चमडिया के पोस्ट से )
......... कुछ सोचने पर मजबूर नही करता क्या ?
मै पिछले साल मंच के एक कार्यक्रम की अध्यछ्ता कर रहा था| सदस्यों के परिचय के दौरान मैंने देखा कि अधिकांश लोगो को माइक पर अपना परिचय देने में भी परेशानी हो रही थी कुछ लोगो की तो आवाज भी मुश्किल से निकल पा रही थी अधिकतर लोगो के मुह सूख रहे थे |और जो बोल पा रहे थे उनकी आवाज में भी कम्पन के साथ स्पष्टता का आभाव था | इसके बाद मुझे अहसास हुआ कि साधारण सदस्यों के लिए शाखास्तर पर भी काफी कुछ करना बाकी है |
शिखर तक पहुचने के लिए प्रत्येक पायदान जरूरी है, हर अगला पायदान हमें शिखर के और नजदीक कर देता है और यदि हम धरातल से ऊपर किसी भी पायदान पर है तो निश्चय ही शिखर ज्यादा दूर नही
एक बार फिर रजतजयन्ती वर्ष की शुभकामनाओ के साथ
Nischal Singhal
+91 94510 78666
एक : विभिन्न प्रकार के कार्यक्रम, रैलियां इत्यादि आयोजित करके....
दूसरा : मंच को एक एकदम नया स्वरूप प्रदान करके, विकास की एक नयी इबारत लिखकर....
एक तीसरा भी तरीका है (जो मेरी व्यक्तिगत सोच है), कि क्यो ना दोनों तरीको का समावेश कर एक एकदम नयी और अनोखी पहल की जाए |
विभिन्न कार्यक्रमों के साथ साथ मंच विकास, व्यक्ति विकास, व्यक्तित्व विकास, समाज विकास, व्यवसायिक विकास इत्यादि के कार्यक्रमों का उचित मिश्रण समय की मांग एवं जरूरत दोनों है |
हालाँकि श्री जाजोदियाजी के कार्यकाल में इन पर काफी काम हुआ है, मगर अभी बहुत कुछ हासिल करना बाकी है|
नए नेतृत्व से मुझे ना केवल उम्मीद है बल्कि पूर्ण विश्वाश है कि माननीय राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री जीतेंद्र गुप्ता अपने नेतृत्वकौशल से एक नया इतिहास अवश्य ही लिखेंगे |
भाई सुमित ने बहुत कुछ और बहुत अच्छा लिखा है|बिन्दु न०.........
6. अनुसाशन समिति का निर्माण - ताकि एक स्वस्थ माहौल का निर्माण हो।
(सुमित चमडिया के पोस्ट से )
......... कुछ सोचने पर मजबूर नही करता क्या ?
मै पिछले साल मंच के एक कार्यक्रम की अध्यछ्ता कर रहा था| सदस्यों के परिचय के दौरान मैंने देखा कि अधिकांश लोगो को माइक पर अपना परिचय देने में भी परेशानी हो रही थी कुछ लोगो की तो आवाज भी मुश्किल से निकल पा रही थी अधिकतर लोगो के मुह सूख रहे थे |और जो बोल पा रहे थे उनकी आवाज में भी कम्पन के साथ स्पष्टता का आभाव था | इसके बाद मुझे अहसास हुआ कि साधारण सदस्यों के लिए शाखास्तर पर भी काफी कुछ करना बाकी है |
शिखर तक पहुचने के लिए प्रत्येक पायदान जरूरी है, हर अगला पायदान हमें शिखर के और नजदीक कर देता है और यदि हम धरातल से ऊपर किसी भी पायदान पर है तो निश्चय ही शिखर ज्यादा दूर नही
एक बार फिर रजतजयन्ती वर्ष की शुभकामनाओ के साथ
Nischal Singhal
+91 94510 78666
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