साथियों,
बिगत १५० घंटो मैं इस ब्लॉग पर अनुपस्थित रहा। पर ब्लॉग की रफ़्तार या ब्लॉग के तेवर में कोई भी फर्क नहीं आया। क्या यह इस बात को स्थापित नहीं करता कि यह ब्लॉग अजातशत्रु का नहीं है बल्कि हर एक उस मंच प्रेमी का है जो इस ब्लॉग को अपनाना चाहता है?
जो लोग अजातशत्रु के छद्मनाम या काल्पनिक व हास्यस्पद आशंकाओं का बहाना बनाकर इस ब्लॉग का विरोध कर रहे हैं, उनसे मेरा पुनः अनुरोध है कि इस संवाद सूत्र का विरोध करने के वजय इसे समर्थन दे। इस ब्लॉग का हर एक लेखक और समर्थक मंच प्रेमी है और मंच प्रेमी कभी मंच का बुरा नही चाहेंगें। अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का मार्ग अवरूद्ध न करें, बल्कि प्रोत्साहन दें
हमारे आने पे परेशां न हो गुंचो,
हम बाग़ लगाया करते हैं, उजाडा नहीं करतें।
अजातशत्रु
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1 comment:
अजातशत्रु जी,
सप्रेम नमस्कार। आप की पीड़ा सभी समझ रहे हैं और यकीन मानिए आप का यह ब्लॉग अपना प्रभाव भी छोड़ रहा है। सुनने में आया है कि राष्ट्रीय अध्यक्ष के उम्मीदवारों की सूचि प्रकाशित हो गयी है। कहाँ प्रकाशित हुई है, यह नहीं पता।
समझ में यह नहीं आ रहा है कि इस ब्लॉग को समर्थन नही देने वाले नेता गण इस ब्लॉग से प्रेरणा ले कर स्वय का एक संवाद सूत्र क्यों नही प्रारम्भ कर देते है? कारवां २००८ साईट बनने के बाद एक आशा बनी थी पर............. । इस साईट में ऑनलाइन पंजीकरण के नाम पर क्या मजाक हो रहा है यह सभी को पता है। पूर्वोत्तर का तो खैर उस drop down menu में नाम ही नहीं है। राष्ट्रीय सभा सामने है, पर राष्ट्र के तरफ़ से कोई पहल नहीं है कि शाखाएं या सदस्य को प्रस्ताव भेजने हेतु प्रेरित किया जाए।
अधिवेशन का माहौल बनाने की कोई कवायद कहीं दिख ही नही रही है। अभी हाल ही में पश्चिम बंग का प्रांतीय अधिवेसन संपन्न हुवा। राष्ट्रीय शीर्ष पद के दो-दो उम्मीदवार इस अधिवेशन में पधारे थे। अंत तक लोगो को यह पता नही चला कि उक्त दोनों वर्तमान पदाधिकारियों का निजी दौरा था या official दौरा था। लोगो को यह भी नहीं पता कि इस दौरे के खर्च का भुगतान मंच द्वारा होगा या उम्मीदवारों द्वारा?
सध्न्य्बाद
शंकर अगरवाला
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