अल्मारियो में नही है जगह
अभी भी
बहुत सी चीजे पड़ी है
अल्मारियो के बाहर अस्त-व्यस्त
इन चीजो में शामिल है
सत्य, अहिंसा और प्रेम की विधियाँ
इनमे है पुरानी यादो की कुछ अमूल्य निधियां
इनमे धर्म और इंसान भी है
इनमे आहात सा पड़ा भगवन भी है
इन चीजो में सदाचरण है, अनुकरण है
इनमे जिंदगी का समूचा व्याकरण है
इनमे हमारी भूलो की व्याख्या है
इनकम विगत की विस्तृत आख्या है
इनमे जल और वायु का उल्लास है
इनमे अग्नि का वैजोद विन्यास है
अभी बहुत सी चीजे पड़ी है
अल्मारियो के बाहर अस्त-व्यस्त
अल्मारियो में नही है जगह,
अल्मारियो में क्या है?
लेखक: अश्वघोष;
साभार: मधुमती,सितम्बर २००८ ,
रवि अजितसरिया,
गुवाहाटी
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