युवा मंच के इस प्रतीक्षित महाकुम्भ के इंतज़ार की घडियां समाप्त होने को हैं, बस कल का सूरज इसका शंख बजा देगा. कुछ शाखाएं अभी ट्रेन में होंगी, कुछ जाने की तैयारी में, सभी की निगाहें नए राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव की ओर लगी हैं. बेचैनी बढती जा रही है...
ये महापर्व हर्सोल्लास के साथ संपन्न हो, इसी शुभकामना के साथ.
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