युवा मंच के पच्चीस साल के इतिहास में यह पहली बार हुवा है कि, हम एक ब्लॉग पर लिख रहे है, और अपने विचार एक बड़े परदे पर लिख रहे है, जिसको पुरी दुनिया पढ़ रही है।
है न कमाल की बात। ये कुछ उत्तेजित लम्हे है, किसी भी युवा मंच के सदस्यो के लिए, या यु कहिये युवाओ के लिए। यह एक ऐसा मौका है, जिसको हमे यु ही जाया नही होने देना है। जिन लोगो ने ब्लॉग पर लिखना शुरु किया है, वे मंच के सच्चे सिपाही है, और जो लोग इस ब्लॉग को विजिट कर रहे है, वे भी मंच के हितेषी है। कई ऐसे सदस्य है, लिखना तो चाहते है, पर किसी कारण वस् नही लिख रहे है, ऐसे लोगो से विनती करूँगा कि वेह अपनी टिपण्णी इस ब्लॉग पर छपने वाले लेखो पर जरुर करे, जिससे कई लेखको को प्रोत्शाहन मिलेंगा। यह बात भी अपनी जगह दुरुशत है कि अगर नए लेखक नही भी जुड़ते है, तब भी यह ब्लॉग तो यु ही चलता रहेगा, यह मेरा वादा है। जो लोग किसी कारण से विजिट कर रहे है, पर किसी अन्य कारण से लिखने में हिचकचा रहे है, उनको मेरी सलाह रहेंगी , कि वे अपने अंदर की आवाज को मेल के द्वारा कह डाले, नही तो हो सकता है कि वहुत देर हो जाए। आज की दुनिया में अपनी बात को एक्सप्रेस करने के बहुत साधन है, ब्लॉग तो अभी शुरु हुवा है, हम आगे यह भी आशा कर सकते है कि, हम एक डाटा बैंक बनाये, वेबसाइट चलाये, अखबार निकले, शैक्षणिक प्रतिष्टांन खोले, वाणिज्य एवं व्यापार कोउन्सेल्लिंग शुरु करें, रोजगार केन्द्र बनाए और व्यक्ति विकाश के कई ऐसे आयाम स्थापित करें , जिससे हमारे युवाओ को बड़े डोनेशन दे कर बड़े शैक्षणिक संस्थानों में भरती नही होना पड़े। यह सभी अभी एक ड्रीम प्रोजेक्ट हो सकते है, पर अगर हम सोंचेगे नही तो फिर करेंगे कैसे। देश में पच्चीस हजार युवाओ वाली संस्था के लिए सब कुछ सम्भव है, बस एक सपने की जरुरत है, एक प्रोत्शाहन की जरुरत है।
रवि अजितसरिया,
गुवाहाटी
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