जब मैंने इस ब्लॉग पर लिखना शुरू किया था तब, यह अभिलाषा थी कि ब्लॉग को पुरी दुनिया में पढ़ा जाए, खुशी की बात है की, ऐसा हो रहा है। अब हमें यह सोचना है कि, ब्लॉग पर मंच की दिशा और दशा के बारे में सार्थक चर्चा हो। मंच के अधिवेशन के बारे में ब्लॉग पर पुरी चर्चा होनी चाहिए, जैसे अधिवेशन में पारित होने वाले प्रस्ताव, जैसा की बिनोदजी रिंगानिया ने प्रस्तावित किया है, अधिवेशन का एजेंडा, चुनाव की चर्चा, अधिवेशन में कैसे जाए, रांची के बारे में, इत्यादि। पर समस्या यह है कि, यह सभी जानकारी कौन देगा, जो नेतृत्व इन सभी चीजो को संभल रहा है, वह तो इस ब्लॉग पर जानकारिया नही दे रहा है । ऐसे में क्या किया जाए , कैसे ब्लॉग पर अधिवेशन, जो युवा मंच का एक मुख्य कार्यक्रम है, की सभी जानकारी दी जाए। अब हम ऐसा कर सकते है कि, जिसके पास जो जानकारी है, वह ब्लॉग पर पोस्ट करे, और फिर सभी को संकलित कर के ब्लॉग ओवनर इसको पब्लिश कर सकता है। मंच पर लिखने वालों कि कमी ,मुझे ब्लॉग पर देखने को मिल रही है। अच्छे कार्यकर्ता भी ब्लॉग पर लिखने में परहेज कर रहे है। पर इसका यह भी मतलब नही होना चाहिये कि हमें अपने विचारो को कोई, सीमा में बांधे, और ब्लॉग में ना लिखे। बल्कि मैं, यह कहूँगा कि ब्लॉग पर ज्यादा संवाद का प्रवाह होना चाहिये, ताकि, युवा मंच के समर्पित सदस्यो को उत्साह बना रहे, और वे मंच आन्दोलन के संवाहक बने रहे। अधिवेशन के सम्बन्ध में हमे और सक्रियता से भूमिका निभानी होगी, ताकी, अधिवेशन के पूर्व का होमवर्क किया जा सके। हमे अच्छे कार्यकर्ताओ का मनोबल भी बढ़ाना है, उनके अनुभवों से सीखना भी है। हमको हलधर की भांति अपना कर्म करते रहना होगा, चाहे कोई कुछ भी कहे। हमे जीभ को जलना भी नही है, और जीभ को पकड़ना भी नही है। बल्कि संवाद की इस यात्रा को बहुत दूर तक ले जाना है। तभी इस ब्लॉग की सार्थकता सिद्ध होगी। जय मारवाड़ी युवा मंच।
रवि अजितसरिया
५४एह , हेम बरुआ रोड, फैंसी बाज़ार,
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