इस ब्लॉग को प्रारम्भ करने का उद्देश्य: मंच की दशा और दिशा पर चर्चा करना। यह संवाद यात्रा AIMYM द्वारा अधिकृत नहीं है। संपर्क-सूत्र manchkibaat@gmail.com::"

नए संदेश

Wednesday

साहित्यिक रूप से मंच एक कैदखाने में कैद है

अपनी टिप्पणी में आदरणीय शम्भू जी ने बिल्कुल सही कहा है कि आप सिर्फ हवलदारों की बातें सुनते और पढ़ते रहिये। नवम्बर के मंच संदेश को देखने पर यह बिल्कुल स्पष्ट होता है। प्रांतीय संवाद के अंतर्गत उत्कल की प्रांतीय सभा और रैली के समाचार से वहां के स्टेट प्रेसिडेंट जीतेंद्र गुप्ता के नाम को गायब कर देना।
साथ ही, उत्कल प्रान्त द्वारा अपनी शाखाओ को जो एंबुलेंस प्रदान की गयी उसकी चाभी किसने सौपी ये ख़बर तो छापी लेकिन मुख्य बात को गायब कर दिया गया। उत्कल प्रान्त ने अपनी कई ग्रामीण शाखाओ को अभी एंबुलेंस दी है, उसकी कोई ख़बर आज तक नही छपी।
लगता है ये मंच संदेश न होकर कुछ विशेष लोगो के संदेश देने का माध्यम भर रह गया है।
शाखा गतिविधियों का पेज नही छापना तो बहुत कचोट रहा है। क्या एक पेज और जोड़ने में बहुत दिक्कते थी। शाखाएं एक महीने तक इसी पेज के लिए बेसब्री से मंच संदेश का इन्तेजार करती है, किंतु इस बार तो घोर निराशा हुई।
तीन वर्ष बीत गए लगे लेकिन त्रेमासिक पत्रिका मंचिका का एक भी अंक नही छापा। साल भर पहले मंच संदेश में समाचार प्रमुखता से छापा गया की मंचिका का प्रकाशन होने वाला है लेकिन हुआ कुछ नही। इस बार फ़िर छापा है की मंचिका का प्रकाशन होने वाला है। देखते है इसका हश्र फ़िर वही होगा या वास्तव में कुछ काम किया जाएगा।
- विकास मित्तल, सहरसा

3 comments:

MANCH said...

विकाश जी,
नमस्कार. आपने एक सही और सामायिक मुद्दे पर अपनी बात रखी है, आश है, आइन्दा भी आपके विचारों सेइस ब्लॉग के पाठकों को लाभ मिलते रहेगा.

कृपया आप अपना मोबाइल (फ़ोन) न० mail करें.
अजातशत्रु

Unknown said...

विकाश जी के विचारों का लाभ मिलेगा की नही ये तो पता नही। वैसे अब इनका मंच से निष्काशन तय है, क्या आपको पता नही की कुछ ही महीनो के अन्दर तीन प्रांतीय अध्यक्षों (एक तो अब निवर्तमान हो गए) को मंच से निष्काषित करने की चेतावनी मीटिंग या पत्र के माध्यम से दी गयी सिर्फ़ इसलिए की उन्होंने किसी एक व्यक्ति विशेस के इशारों पर नाचना मंजूर नही किया, या उनकी कार्यशैली/ विचारों से असहमति जता दी थी । क्या यही लोकतंत्र है - मंच किस दिशा में जा रहा है ।
सो विकाश जी से हमें सहानुभूती है (उनके मंच में भविष्य को लेकर)
- विक्रम खेतान, मुंबई

MANCH said...

Vikram Ji,

Please, please do not forget to mention your telephone no.
If you do not provide your telephone no., your comments may be rejected.

I invite suggestions from our readers, whether we should publish comments of unidentifiable members/ visitors?

However, on request of identifiable commenters, we may allow him to keep his identity a secret.

Ajatshatru

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