इस ब्लॉग को प्रारम्भ करने का उद्देश्य: मंच की दशा और दिशा पर चर्चा करना। यह संवाद यात्रा AIMYM द्वारा अधिकृत नहीं है। संपर्क-सूत्र manchkibaat@gmail.com::"

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इस ब्लॉग का इस्तेमाल हम अपने अनुभवों को बांटने में कर सकते हैं; ताकि संगठन के हित में और कार्य किए जा सकें. इस क्रम में हम ब्लॉग से कुछ प्रश्न पूछेंगे और उसका निराकरण चाहेंगे, इससे हमें शाखा सहित पूर्ण संगठन के बेहतर संचालन में मदद मिलेगी. इसमे कोई भी सदस्य प्रश्न पूछ सकता है और कोई भी जवाब दे सकता है... आशा है की आप सभी लेखकों सहित इस ब्लॉग के पाठकों का भी सक्रिय सहयोग इस कार्य में प्राप्त होगा,

तो चलिए शरुआत करते हैं:-

प्रश्न 1. - हम क्या करें की समाज के बेहतर लोग स्वतः मंच की सदस्यता लेने की ओर आकर्षित हों ?

-सुमित चमडिया
मुजफ्फरपुर
9431238161

8 comments:

Anonymous said...

यह एक अच्छा बिषय है और इस लाइन में हम आगे बढ़ सकते हैं. समाज के बेहतर लोग मंच की और जुड़े इसके लिए निम्न बातों पर ध्यान दिया जा सकता है:-
०१. शाखा स्तर पर ऐसे लोगो की सूचि बना कर उनसे संपर्क करना अवाम मंच के अखिल भारतीय स्वरुप के बारे में उन्हें अवगत करना.
०२. कार्यक्रमों में उन्हें आमंत्रित करना.
०३. कार्यक्रमों और सभाओं में समयानुवार्तिता का ध्यान रखा जाए एवं लंबे भाषणों से बचा जाए.
इसके अलावा और भी अन्य बातों का ध्यान रखा जन चाहिए, जिस पर हम बाद में चर्चा करेंगे.

ओमप्रकाश अगरवाला

Sumit Chamria said...

धन्यवाद ओमप्रकाश जी, हम अन्य लोगों से भी परिचर्चा में शामिल होने की अपेक्षा रखते हैं.
आदरणीय प्रमोद जी, शम्भू जी, राजकुमार जी, रवि जी, अनिल जी सहित अन्य जो लोग भी ब्लॉग से सम्बंधित हैं, उनसे मेरा आग्रह है की वे अपने अनुभव हमसे बांटें, ताकि सबसे निचे के पायदान का नेतृत्व विकसित हो.

- सुमित चमडिया

Anonymous said...

मेरी राये में जो नए कार्यकर्ता अपनी पुरी महेनत से मंच में काम कर रहे है उन्हें सब के सामने पुरस्कार के द्वारा समानित किया जाए. ऐसा करने से उन्हें आगे चलकर और भी कार्यक्रम में भाग लेने और कार्य करने में आनद आएगा.

Anil Varma said...

अमित जी,
अपने सही कहा है. कई शाखाएं अभी ऐसा करती भी हैं. मेरा एक सुझाव सभी पाठकों के लिए है कि आप भी अपने शाखा नेतृत्व को इस बात के लिए प्रोत्साहित करें कि मंच स्थापना दिवस, नई कमिटी के शपथ ग्रहण समारोह अथवा सत्र की प्रथम आम सभा में अपनी शाखा के सदस्यों, पदाधिकारियों और कार्यक्रम संयोजको को पुरस्कृत अवश्य करें. पुरस्कार के रूप में दिया गया एक सर्टीफिकेट भी आने वाले समय में शाखा सदस्यों में इतनी उर्जा का संचार कर देगा कि कार्यक्रमों में सदस्यों की अभिरूचि, उत्साह और लगन देखने लायक होती है. शाखा में सक्रियता हेतु यह आजमाया हुआ नुस्खा है, आप भी प्रयोग कर देखें.
- अनिल

Pramod Kr Jain said...

एक अच्छा नेत्र्रत्व वो है जो अपने कार्यकर्ता को पुरा सम्मान दे. कार्यक्रम की सफलता का श्रेय स्वयं न लेकर कार्यकर्ता को आगे करे; कार्यक्रम की विफलता पर किसी पर दोषारोपण न कर स्वयं नैतिक जिम्मेवारी ले और कर्यकर्तावो में उत्साह वर्धन करने का प्रयास कर उन्हें ये विश्वास दिलाये की अगला कार्यक्रम सफल होगा.
मंचाशीन तो नेत्रत्वा ही होगा लेकिन अथितियों को मंच पर लाना, उन्हें सम्मान करना आदि कर्योक्रमो में कर्यकर्तावो को अधिक से अधिक शामिल करना चाहिए.

nischal singhal said...

ज्यादातर मित्रों ने कार्यकर्ताओं को सम्मानित करने पर प्रमुखता से जोर दिया है लेकिन ध्यान देने योग्य बिन्दु एक और भी है कि मंच जो सिर्फ़ समाज और देश के लिए समर्पित है उस मंच का दर्शन समाज और में कहाँ तक पैठ बना पाया है | अभी दिसम्बर माह में मुझे एक नवयुवक मिला जो मंच का लखनऊ में सदस्य भी है उससे मैंने जिज्ञासा वश रांची जाने के बारे में पुछा तो पता चला कि उसे इस बारे कुछ मालूम ही नही | एक ऐसा आयोजन जिसे हम महाकुम्भ की संज्ञा देते हैं उसके बारे एक मंच सदस्य को जानकारी भी न होना वाकई आश्चर्यजनक था | TRADEX वगैरह तो उसके लिए और भी विश्मयकारी था | मैंने जब उसे मंच और अधिवेसन सम्बन्धी साहित्य दिखाए तो उसका कहना था कि अबतक मंच की सही छवि उसके दिमाग में थी ही नही | मंच दर्शन से प्रभावित होकर उस युवक ने न केवल पुर्ण समर्पण का वादा किया बल्कि लखनऊ में मंच विस्तार के लिए पूरा सहयोग देने की इच्छा भी जतायी|
इस एक घटना से मुझे ये पता चला कि समाज में हम अभी भी केन्द्रित पैठ बना पाए हैं और जब तक इसका विकेन्द्रीकरण नही होगा तब लोग स्वतः ही मंच कि सदस्यता लेने के लिए कैसे आकर्षित हो सकते हैं .

Nischal Singhal

Anonymous said...

शाखा में प्रांतीय पदाधिकारियों की क्या भूमिका होनी चाहिए ?

आशीष बोंदिया
प्रांतीय महामंत्री
छत्तीसगढ़ प्रांतीय मारवाडी युवा मंच
09977122227

Shambhu Choudhary said...

श्री नवीन निश्चल जी ने जो बात लिखी वास्तव में मंच की सही तस्वीर को दर्शाती है। मंच की भले ही 500 शाखायें कार्यरत हो पर हम समाज के अन्दर प्रभावशाली रेखा अभी तक नहीं बना पये हैं जिस दिन मंच के सदस्यों का अर्थ स्वतः ही एक प्रभावशाली दृश्य को समाज के सामने प्रस्तुत हो जायेगा, हमारे साथ बेहतर से बेहतर सदस्य स्वतः ही जूटते चले जायेंगें। एक बात मंच को और ध्यान देने की जरूरत है मंच के सभी सदस्य एक श्रेणी और एक ही नजरों से देखें जाने चाहिये, अन्यथा मंच कुछ वर्ग तक ही सिमट कर रह जायेगा। - शम्भु चौधरी, कोलकाता-0-9831082737

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