रांची अधिवेशन में बहुत सारी बातों के बीच एक अच्छी चीज प्रख्यात अभिनेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री श्री शत्रुघ्न सिन्हा का भाषण भी है, अपने भाषण में बहुत सी राजनैतिक बातों के आलावा उन्होंने कुछ ग्रहण करने योग्य बातें भी कही, जिसमे से एक भाषा प्रेम पर उनके विचार हैं। उन्ही के शब्दों में ;
भाषा तीन तरह की होती है, और तीनो ही व्यक्ति के लिए आवश्यक है
- मातृभाषा - संस्कार के लिए ,
- राष्ट्रभाषा - व्यवहार के लिए, एवं
- विदेशी भाषा - व्यापार के लिए
उपरोक्त दो और तीन तो हम हर जगह प्रयोग कर ही रहे हैं, और पहली का प्रयोग घर में. यदि ब्लॉग के लेखकों का मन बने तो यहाँ एक नया प्रयोग किया जा सकता है. "आज का विचार" के नाम से लिंक बना कर उसमे प्रतिदिन एक पोस्ट (छोटा या बड़ा, दोहा- कविता, बुजुर्गों के विचार जैसा कुछ भी) डाला जाए जो हमारी मातृभाषा में हो और विभिन्न लेखकों द्वारा डाला जाए।
सधन्यवाद
-सुमित चमडिया
मुजफ्फरपुर
मोबाइल - 9431238161
1 comment:
विचार अच्छा है.
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