किसी भी संस्था का सविधान उसके सदस्यों के लिए गीता की तरह होता है, किसी भी परिस्थिति में उसका पालन न करना उसके सदस्यों, दान दाताओं, शुभचिंतकों की भावना के साथ खिलवाड़ है, हमारी संस्था सोसाइटी एक्ट के अधीन हैं, इस तरह राष्ट्रीय उपाध्यक्ष के लिए ४५ वर्ष के ऊपर का व्यक्ति चुना जाना, इसकी मान्यता को खतरे में डाल सकता हैं, इस ब्लॉग से दीपकजी के विचारो का हटाया जाना blog की विश्वसनीयता पर प्रश्नचिंह हैं?????
2 comments:
श्री दीपक जी ने जो विषय को उठाया है। इसे delete करना किसी भी दृष्टीकोण स सही नहीं लगा। -शम्भु चौधरी
किसी भी संस्था का सविधान उसके सदस्यों के लिए गीता की तरह होता है, किसी भी परिस्थिति में उसका पालन न करना उसके सदस्यों, दान दाताओं, शुभचिंतकों की भावना के साथ खिलवाड़ है,
हमारी संस्था सोसाइटी एक्ट के अधीन हैं, इस तरह राष्ट्रीय उपाध्यक्ष के लिए ४५ वर्ष के ऊपर का व्यक्ति चुना जाना, इसकी मान्यता को खतरे में डाल सकता हैं,
इस ब्लॉग से दीपकजी के विचारो का हटाया जाना blog की विश्वसनीयता पर प्रश्नचिंह हैं?????
Post a Comment
हम आपकी टिप्पणियों का स्वागत करते है.