मुझे किसी नें बताया कि हाल ही में एक उच्च पदाधिकारी ने इस ब्लॉग के बारे में कुछ आशंकाएं व्यक्त की है। उनका कहना है कि एक बेनाम आदमी के ब्लॉग पर हम क्यों जायें? या क्यों अपनी टिप्पणिया दें? उन्होंने शंका जताई कि हो सकता है कि यह ब्लॉग किसी षडयंत्र का हिस्सा हो, हो सकता है कि यह ब्लॉग जब प्रसिद्व हो जाए और लोग इसमें नियमित आने लगें, उस समय यह ब्लॉग कोई उलटी सीधी बात कर मंच को हानी पहुंचा दे।
इतनी शंकाएँ?
मैं यह बात स्पष्ट कर देना चाहूँगा कि, मैं भी मंच एक कार्यकर्ता हूँ मंच के भविष्य को लेकर जितनी चिन्ता उनको है, उससे कहीं ज्यादा चिन्ता मंच के कार्यकर्ताओं को भी है, और इस ब्लॉग मालिकत्व के रूप में अपने नाम को गोपनीय रखने के पीछे हमारी यह मान्यता है कि नाम मुद्दों पर हावी न हो जाया जैसा कि पूर्व में पदाधिकारीगण करते रहें हैं।
इस ब्लॉग के बारे में पुनः एक बात स्पष्ट कर देते हैं कि यह ब्लॉग मंच सदस्यों के बीच संवाद प्रबाह को महत्व देने के लिये बनाया गया है, हमें मंच के अन्दर एक समय निर्बाध बह रही संवाद सरिता- सरस्वती नदी की तरह बिलुप्त होती दिख रही है। हमारा यह दृढ़ विश्वास है कि किसी भी सामाजिक संस्थाओं की जीवन्तता हेतु सतत संवाद प्रबाह अत्यन्त जरूरी है।
खैर! अविश्वास की बात वे लोग ही करतें हैं जो कभी मंच सदस्यों की बातों को न कभी महत्व दिया न आज उनकी बात सुनने का प्रयास करतें हैं। केवल दूसरे का दोष निकालना, और मंच में स्वयं को स्थापित करना ही इनका द्येय रहा है।
अजातशत्रु
manchkibaat@gmail.com
नए संदेश
Tuesday
गुमनाम है कोई
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
2 comments:
दरअसल मंच के कुछ लोग यह सोचते हैं कि संवाद करने या मंच को संवाद की सामग्री परोसने की जिम्मेदारी सिर्फ उनकी ही है। कोई दूसरा व्यक्ति उनके व्यक्तित्व पर भला कैसे हावी हो सकता है? उनकी सोच और इस तरह के बयान खुद में ही बतातें है कि वे किस हद तक नाकारात्मक सोच पाले हुए हैं। इस मंच पर वे अपनी बात को खुल कर रख सकते हैं। इसके लिए व्यवस्थापकिय अधिकार उनको देने की कोई जरूरत नहीं समझ में आती । यदि कोई इस ब्लॉग पर सीधे पोस्टिंग अधिकार लेना चाहे तो, उसके लिये वे अपना परिचय दे कर यह अधिकार ले सकतें हैं और उसे दिया भी जाना चाहिये। मेरी समझ में अजातशत्रु के नाम से पोस्टिंग अनजान पोस्टिंग नहीं क्यों कि उसके पोस्टिंग में मंच की हर ताजा जानकारी मिलती है। निश्चह ही वो संचालकों द्वारा अधिकृत व्यक्ति ही होगा। मेरी समझ में उसने अभी तक कोई गलत बातें नहीं की जो किसी को नागवार गुजरे। हाँ ! इनके लेखन में चुभन ज्यादा है जो सच्चाई को बयान करती है। यदि कोई गलत बात उसने लिखा हो तो उसका जबाब हमें देने में हर्ज ही क्या है। हम यदि उसका जबाब देने में अक्षम हैं तो भले ही बचाव के नकारात्मक रास्ते खोज लें इससे इस ब्लॉग के साथियों को निराश नहीं होना चाहिये। इस तरह की बातें तो आयेंगी ही। अभी तक का एकतरफा अधिकार जो खत्म होता जा रहा है उनका।-शम्भु चौधरी
हमारी शुभकामनाएँ.
http://mallar.wordpress.com
Post a Comment
हम आपकी टिप्पणियों का स्वागत करते है.