एक अंजान लेखक ने यहाँ बेफिजूल की बात लिख कर किसी पर पूर्वाग्रही होने का चंस्पा लगा दिया, और बिना यह जाने की कौन किस सन्दर्भ में क्या कुछ कह रहा है। किसी भी संस्था को चलाने के वास्ते कई तरह के हथकंडे अपनाने होते है, क्या लेखक यह बात नही जनता , अगर जानता तो शायद सम्मलेन पर किसी की एक समय पर क्या टिपण्णी रही थी, उसको अपने लेखन में शामिल करने की क्या आवस्यकता पड़ गयी। अगर लेखक अपना नाम बताये तो यह बात जानने में आसानी होगी की, यह सारी बातें किस सन्दर्भ में कही जा रही है। इस दुनिया में हम एक वाद विवाद प्रतियोगिता में शामिल होते रहते है, खास करके जब हम सामाजिक संस्थाओ में कार्य करते है। कई ऐसे मोके आते है, जब हम किसी बात आम राय नही बना पते है। रही बात सकारात्मकता और नकारात्मकता की, वह तो हर मनुष्य के अन्दर है। लेखक के अंदर भी होगी। लेखक का किसी व्यक्ति के लिए इस तरह के दोषारोपण बिल्कुल बेवक्त, वेबुनियाद और गैर जरूरी माना गायेगा। क्योकि कई लोगो को यहाँ युवा मंच के और अधिक स्रुर्दिर्ध, सुंदर बानाने की कवायद को लेकर खुशी है। मंच में वर्तमान दशा और दिशा पर अगर लेखक ज्यादा ध्यान दे तो खुशी होगी। किसी के लिए हम कौन होते है जज, हमने तो बस अपना काम करना है। क्यो हम पराये सुख-दुःख में अपना शरीर घटाए। हमे यह सोचना है की आगे हम को क्या गति दे सकते है। अगर हम कुछ कर नही सकते तो हमे लेने का भी अधिकार नही है। इस बात पर हम क्यो अपना वक्त बर्बाद करे की फ़लाने दिन क्या हुवा था। यह नकारात्मक talk है, जो लेखक कर रहे है।
रवि अजितसरिया ,गुवाहाटी
नए संदेश
Tuesday
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
1 comment:
सही है, निश्चिंत होकर बस अपना कार्य करते जाईये.शुभकामनाऐं.
Post a Comment
हम आपकी टिप्पणियों का स्वागत करते है.